करेक्टर ट्री अवार्ड 2025 में असलम लश्करिया को मिला सम्मान

करेक्टर ट्री अवार्ड 2025 में असलम लश्करिया को मिला सम्मान

पंकज त्रिपाठी और राज बब्बर के हाथों हुआ सम्मानित, 1984 में माँ से ₹10,000 लेकर शुरू किया था सफ़र

मुंबई, 13 सितम्बर 2025 मुंबई की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़े नाम, प्रसिद्ध बिल्डर और समाजसेवी असलम लश्करिया को इस वर्ष के प्रतिष्ठित “करेक्टर ट्री अवार्ड 2025” से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान उन्हें समाज सेवा, रियल एस्टेट क्षेत्र में योगदान और उनकी ईमानदार एवं संघर्षपूर्ण यात्रा के लिए प्रदान किया गया।

भव्य समारोह में सितारों की मौजूदगी

मुंबई में आयोजित इस अवार्ड समारोह में बॉलीवुड और राजनीति जगत की कई नामचीन हस्तियाँ मौजूद रहीं।

मंच पर वरिष्ठ अभिनेता व नेता राज बब्बर और बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अस्लम लश्करिया को सम्मानित किया। इस दौरान सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और उपस्थित लोगों ने उनके सफर की सराहना की।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

* अस्लम लश्करिया की कहानी मेहनत, संघर्ष और विश्वास की कहानी है।

* वर्ष 1984 में उन्होंने अपनी माँ से मात्र ₹10,000 रुपये लेकर शुरुआत की थी।

* आज वे लश्करिया ग्रुप के माध्यम से मुंबई के प्रतिष्ठित बिल्डरों में गिने जाते हैं।

* उनके नाम पर विश्वास और ईमानदारी की पहचान जुड़ी हुई है।

समाज सेवा में अग्रणी

अस्लम लश्करिया सिर्फ रियल एस्टेट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे लगातार समाज सेवा में भी सक्रिय रहते हैं।

*  गरीब और ज़रूरतमंदों की मदद,

* शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग,

* धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में योगदान,

*  इन कार्यों ने उन्हें समाज का अपना नेता और मार्गदर्शक बना दिया है।

असलम लश्करिया का संदेश

सम्मान प्राप्त करते हुए भावुक होते हुए असलम लश्करिया ने कहा –

“यह अवार्ड सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि उन सभी लोगों का है जिन्होंने मेरी यात्रा में मुझ पर भरोसा किया। मेरी माँ का आशीर्वाद और जनता का विश्वास ही मेरी असली पूँजी है। मैं वादा करता हूँ कि आगे भी समाज और देश की सेवा करता रहूँगा।”

समारोह की झलकियाँ

कार्यक्रम में कई जानी-मानी हस्तियाँ मौजूद रहीं। सितारों और राजनीतिक हस्तियों ने उनके काम की खुलकर तारीफ की। कार्यक्रम के बाद असलम लश्करिया को बधाई देने वालों का तांता लग गया

 

करेक्टर ट्री अवार्ड 2025 में असलम लश्करिया को मिला सम्मान

पंजाब बाढ़ त्रासदी में मेघाश्रेय संस्था बनी सहारा

पंजाब बाढ़ त्रासदी में मेघाश्रेय संस्था बनी सहारा

राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा सिंह ने 150 सदस्यीय टीम के साथ संभाला मोर्चा

मुंबई। पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने हजारों परिवारों का जीवन तहस-नहस कर दिया है। इस आपदा के बीच देश की जानी-मानी समाजसेविका और मेघाश्रेय संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा सिंह राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उनकी संस्था ने पंजाब के अलग-अलग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समर्पित भावना के साथ मदद का अभियान छेड़ दिया है।

राहत सामग्री घर-घर पहुँचाई जा रही

संस्था की टीम अब तक हजारों परिवारों तक खाने-पीने की सामग्री, दूध, चाय, नाश्ता, दवाइयाँ, कंबल, चादर और ज़रूरी घरेलू सामान पहुँचा चुकी है। संस्था के स्वयंसेवक घर-घर जाकर बाढ़ पीड़ितों की हर ज़रूरत का ध्यान रख रहे हैं।

150 कार्यकर्ता जुटे सेवा में

पंजाब के अलग-अलग जिलों में संस्था की 150 सदस्यीय टीम तैनात है। यह टीमें लगातार राहत सामग्री पहुँचाने और लोगों की मदद करने का काम कर रही हैं।

सीमा सिंह : नारी शक्ति और सेवा की मिसाल

सीमा सिंह का नाम देशभर में समाजसेवा और मानवता की सेवा के लिए जाना जाता है। वे मेघाश्रेय संस्था की संस्थापिका और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने कई वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, अनाथ बच्चों की देखभाल और प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य जैसे अनेक क्षेत्रों में सक्रिय योगदान दिया है।

सीमा सिंह ने हमेशा समाज के वंचित वर्ग और जरूरतमंदों के उत्थान के लिए काम किया है।

उनकी संस्था ने समय-समय पर अनाथालय, वृद्धाश्रम, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल की है।

सीमा सिंह का मानना है कि “सच्ची सेवा वही है, जिसमें न कोई स्वार्थ हो और न कोई दिखावा, केवल मानवता का भाव हो।”

“मानवता और भाईचारे को चरितार्थ करना ही लक्ष्य” – सीमा सिंह

संस्था की संस्थापिका और राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि “मेघाश्रेय का उद्देश्य केवल मदद करना ही नहीं बल्कि इस कठिन समय में मानवता और भाईचारे की मिसाल पेश करना है। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, हमारी संस्था पंजाब के लोगों की सेवा में समर्पित रहेगी।”

बाढ़ पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण

स्थानीय लोगों ने मेघाश्रेय संस्था की निस्वार्थ सेवा की सराहना करते हुए कहा कि इस आपदा की घड़ी में संस्था का सहयोग उनके लिए बहुत बड़ी राहत है। पंजाब में जगह-जगह पानी भरा हुआ है और लोग बेघर हो चुके हैं, लेकिन संस्था की पहल से पीड़ित परिवारों को नई उम्मीद मिली है।

  

राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा सिंह ने 150 सदस्यीय टीम के साथ संभाला मोर्चा

Asian Law College Opens Session 2025 With Inspiring Inauguration By Hon. MP Smt. Maneka Gandhi At Marwah Studios Complex

Asian Law College Opens Session 2025 With Inspiring Inauguration By Hon. MP Smt. Maneka Gandhi At Marwah Studios Complex

Noida: The Asian Law College (ALC), a premier institution under the Asian Education Group, ushered in its New Academic Session 2025 with great zeal and celebration at the iconic Marwah Studios Complex II, Film City Noida. The grand inauguration was graced by the presence of Hon. Member of Lok Sabha, Smt. Maneka Gandhi—an eminent parliamentarian, celebrated author, animal rights crusader, and one of India’s most respected voices for social change.

In her address to the young aspiring lawyers, Smt. Maneka Gandhi emphasized the transformative power of law in building an equitable society. She urged students to uphold justice with courage, compassion, and unwavering integrity. Her words resonated deeply with the audience, igniting a strong sense of purpose among the new batch.

Dr. Sandeep Marwah, President of Asian Education Group and Chancellor of AAFT University, warmly welcomed the distinguished guest and the incoming students. In his inspiring remarks, he highlighted ALC’s vision to nurture leaders in law who are not only knowledgeable professionals but also socially responsible citizens. He expressed pride in ALC’s legacy of academic excellence and global outlook.

The inaugural ceremony was marked by energy, enthusiasm, and inspiration, leaving the students with a sense of pride and motivation as they embark on their journey to become the next generation of legal luminaries.

  

Asian Law College Opens Session 2025 With Inspiring Inauguration By Hon. MP Smt. Maneka Gandhi At Marwah Studios Complex

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी डॉ. बिपिन बिहारी मिश्रा एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित परोपकारी और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। 61 वर्षीय डॉ. मिश्रा का जन्म उड़ीसा के क्योंझर जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। डॉ. मिश्रा की शिक्षा मुंबई में हुई और वे वहीं बस गए। वे और उनकी प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी डॉ. सुकांति मिश्रा भी असहाय कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण रहे हैं।

एक बहुमुखी व्यक्तित्व होने के नाते, डॉ. बिपिन बिहारी मिश्रा एक असाधारण सामाजिक नेता, समर्पित सामुदायिक विकासकर्ता, शीर्ष सामाजिक Influencer, उत्कृष्ट आयोजक, विद्वान संपादक, अद्भुत जमीनी स्तर के संचारक, गरीब-हितैषी नीति निर्माता, बेहतरीन जन-आंदोलनकर्ता और सबसे बढ़कर वह लोगों के प्यारे व्यक्ति रहे हैं।

“ज़रूरतमंदों और समाज की सेवा उन लोगों में स्वाभाविक रूप से होती है जो वास्तव में लोगों की सेवा करना चाहते हैं। यह एक निस्वार्थ जुनून है और नौसेना में मेरे अनुभव ने मुझे कई सबक सिखाए,” डॉ. मिश्रा ने कहा, जिन्हें बॉम्बे उडिया महासंघ के अध्यक्ष, लायंस क्लब भुवनेश्वर के अध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष, विश्व उड़ीसा सोसाइटी के भारत चैप्टर के अध्यक्ष, भ्रष्टाचार निरोधक खुफिया समिति के राष्ट्रीय सचिव, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य, साप्ताहिक समाचार पत्र मुंबई उडिया समाज के संपादक और शोध पत्रिका इको-कनेक्ट के मुख्य संपादक जैसे कई प्रतिष्ठित पदों पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सूर्यक्षेत्र फाउंडेशन ऑफ एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और अपनी प्रतिष्ठित पत्नी डॉ. सुकांति मिश्रा के साथ, दोनों दंपत्ति ज़रूरतमंद कैंसर रोगियों के उपचार, किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार करने, स्थायी आजीविका प्राप्त करने, जल प्रबंधन को सुगम बनाने, वनीकरण को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण और देश भर में आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

“हमारे जल बचाओ अभियान ने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति व्यापक जागरूकता और बदलाव लाया है। जल संरक्षण के उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप जल प्रदूषण कम हुआ है, पर्याप्त पानी उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है, खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ है, जल जनित रोगों में कमी आई है, और पौधों और जानवरों के लिए पानी सुलभ बनाकर जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा मिला है,” डॉ. मिश्रा ने प्रेरणादायी भाव से बताया।

इस दंपति की एनजीओ गतिविधियों में राज्य और केंद्र सरकार का सहयोग कैसा है?

“अब तक सब अच्छा है। हम स्वच्छ पर्यावरण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और कैंसर रोगियों की मदद कर रहे हैं, जिनके लिए हम एक सर्व-सुविधायुक्त बड़ा आश्रय गृह बनाने की भी योजना बना रहे हैं,” डॉ. बिपिन और सुकांति ने एक स्वर में कहा, जिन्होंने शुरुआत में तमाम मुश्किलों का सामना किया, लेकिन इस मुकाम तक पहुँचने के लिए अपना हौसला बुलंद रखा।

डॉ. मिश्रा से जब पूछा गया कि इतने सारे सामाजिक कार्यों में शामिल होने के बाद उन्हें कैसा सुकून मिलता है, तो उन्होंने विनम्रता से कहा, “इतने सारे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने से बेहतर सुकून और संतुष्टि और कुछ नहीं हो सकती।”

अनुकरणीय समर्पण और शून्य स्वार्थ वाले इस प्यारे जोड़े को ढेर सारी शक्ति मिले..!!

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

डॉ. कालू शेख – आयुर्वेदिक चिकित्सक जो निःसंतान दंपतियों को दे रहे हैं नई उम्मीद

डॉ. कालू शेख – आयुर्वेदिक चिकित्सक जो निःसंतान दंपतियों को दे रहे हैं नई उम्मीद

कोलकाता, पश्चिम बंगाल – डॉ. कालू शेख, पिता श्री मुक्तार शेख, निवासी 77/2/3 साधोना औषधालय रोड, पी.ओ. श्रीभूमि, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल (पिन – 700048), आज आयुर्वेद के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं, विशेषकर निःसंतानता (Infertility) के इलाज में।

बी.ए.एम.एस. (B.A.M.S.) आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. शेख पिछले 8 वर्षों से निःसंतानता से पीड़ित मरीजों का सफल इलाज कर रहे हैं। उनकी निष्ठा और गहन आयुर्वेदिक ज्ञान के कारण अनेक दंपतियों ने संतान सुख प्राप्त किया है।

उनकी उल्लेखनीय सेवाओं और समाज के प्रति योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें शामिल हैं –

Certificate of Excellence

*  भारत प्रतिभा सम्मान

*  राष्ट्रीय सेवा सम्मान

*  इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स

*  प्रेस्टीजियस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

*  पोषण अभियान सम्मान

डॉ. कालू शेख की उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि आयुर्वेद आज भी आधुनिक समस्याओं का समाधान है। उनका उद्देश्य है कि आयुर्वेद का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और वे मरीजों की सेवा पूरी निष्ठा और करुणा से करते रहें।

डॉ. कालू शेख – आयुर्वेदिक चिकित्सक जो निःसंतान दंपतियों को दे रहे हैं नई उम्मीद

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