Advocate Vinay Kumar Dubey’s Birthday Celebrated With Great Enthusiasm Across The Nation

Advocate Vinay Kumar Dubey’s Birthday Celebrated With Great Enthusiasm Across The Nation

Mumbai/Lucknow. :Senior BJP leader and Member – Hindi Advisory Committee (Rajya Sabha), Ministry of Home Affairs, Government of India, Advocate Vinay Kumar Dubey, was warmly celebrated by his supporters and well-wishers across the country on his birthday today.

On this special occasion, Mr. Dubey took a noble pledge to build a new cowshed (Gaushala) and serve hundreds of cows, dedicating the initiative to the cause of Gau Seva. He stated, “Serving the cow is equivalent to serving the nation.”

Known for his polite nature, strong character, and compassionate leadership, Advocate Dubey praised the dynamic leadership of Prime Minister Narendra Modi, saying, “India is rapidly moving towards becoming a Vishwaguru (Global Leader), and we are proud to be part of this transformative era.”

Since early morning, a continuous stream of visitors and well-wishers arrived at his office to extend their greetings.

Prominent among them were journalist Santosh Mishra, Mithilesh Mishra, Dhananjay Chauhan, Shashi Bhushan Pandey, BJP leader Dhananjay Mishra, and members of the Brahmin Ekta Charity Trust, along with hundreds of other supporters who conveyed their best wishes and prayed for his bright political future.

Recognized for his sincerity and dedication, Advocate Dubey has been entrusted with key responsibilities by the Central Government, which he continues to fulfill with excellence. His supporters expressed great enthusiasm, hoping to see him soon take on an even more prominent political role.

In his address, Advocate Dubey expressed heartfelt gratitude, saying —

“Your blessings and faith are my greatest strength. They inspire me to keep working tirelessly for society and the nation.”

Advocate Vinay Kumar Dubey is not only a skilled lawyer but also a dedicated social worker — a leader with a humble heart who truly rules the hearts of the people.

 

Old Memories With National Leaders

Advocate Vinay Kumar Dubey’s Birthday Celebrated With Great Enthusiasm Across The Nation

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी डॉ. बिपिन बिहारी मिश्रा एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित परोपकारी और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। 61 वर्षीय डॉ. मिश्रा का जन्म उड़ीसा के क्योंझर जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। डॉ. मिश्रा की शिक्षा मुंबई में हुई और वे वहीं बस गए। वे और उनकी प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी डॉ. सुकांति मिश्रा भी असहाय कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण रहे हैं।

एक बहुमुखी व्यक्तित्व होने के नाते, डॉ. बिपिन बिहारी मिश्रा एक असाधारण सामाजिक नेता, समर्पित सामुदायिक विकासकर्ता, शीर्ष सामाजिक Influencer, उत्कृष्ट आयोजक, विद्वान संपादक, अद्भुत जमीनी स्तर के संचारक, गरीब-हितैषी नीति निर्माता, बेहतरीन जन-आंदोलनकर्ता और सबसे बढ़कर वह लोगों के प्यारे व्यक्ति रहे हैं।

“ज़रूरतमंदों और समाज की सेवा उन लोगों में स्वाभाविक रूप से होती है जो वास्तव में लोगों की सेवा करना चाहते हैं। यह एक निस्वार्थ जुनून है और नौसेना में मेरे अनुभव ने मुझे कई सबक सिखाए,” डॉ. मिश्रा ने कहा, जिन्हें बॉम्बे उडिया महासंघ के अध्यक्ष, लायंस क्लब भुवनेश्वर के अध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष, विश्व उड़ीसा सोसाइटी के भारत चैप्टर के अध्यक्ष, भ्रष्टाचार निरोधक खुफिया समिति के राष्ट्रीय सचिव, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य, साप्ताहिक समाचार पत्र मुंबई उडिया समाज के संपादक और शोध पत्रिका इको-कनेक्ट के मुख्य संपादक जैसे कई प्रतिष्ठित पदों पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सूर्यक्षेत्र फाउंडेशन ऑफ एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और अपनी प्रतिष्ठित पत्नी डॉ. सुकांति मिश्रा के साथ, दोनों दंपत्ति ज़रूरतमंद कैंसर रोगियों के उपचार, किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार करने, स्थायी आजीविका प्राप्त करने, जल प्रबंधन को सुगम बनाने, वनीकरण को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण और देश भर में आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

“हमारे जल बचाओ अभियान ने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति व्यापक जागरूकता और बदलाव लाया है। जल संरक्षण के उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप जल प्रदूषण कम हुआ है, पर्याप्त पानी उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है, खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ है, जल जनित रोगों में कमी आई है, और पौधों और जानवरों के लिए पानी सुलभ बनाकर जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा मिला है,” डॉ. मिश्रा ने प्रेरणादायी भाव से बताया।

इस दंपति की एनजीओ गतिविधियों में राज्य और केंद्र सरकार का सहयोग कैसा है?

“अब तक सब अच्छा है। हम स्वच्छ पर्यावरण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और कैंसर रोगियों की मदद कर रहे हैं, जिनके लिए हम एक सर्व-सुविधायुक्त बड़ा आश्रय गृह बनाने की भी योजना बना रहे हैं,” डॉ. बिपिन और सुकांति ने एक स्वर में कहा, जिन्होंने शुरुआत में तमाम मुश्किलों का सामना किया, लेकिन इस मुकाम तक पहुँचने के लिए अपना हौसला बुलंद रखा।

डॉ. मिश्रा से जब पूछा गया कि इतने सारे सामाजिक कार्यों में शामिल होने के बाद उन्हें कैसा सुकून मिलता है, तो उन्होंने विनम्रता से कहा, “इतने सारे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने से बेहतर सुकून और संतुष्टि और कुछ नहीं हो सकती।”

अनुकरणीय समर्पण और शून्य स्वार्थ वाले इस प्यारे जोड़े को ढेर सारी शक्ति मिले..!!

बिपिन मिश्रा: उत्कृष्ट परोपकारी

HALLA: Antasyah Aarambhah – एक नई पौराणिक गाथा की शुरुआत

HALLA: Antasyah Aarambhah – एक नई पौराणिक गाथा की शुरुआत

भारतीय पौराणिक कथाओं की समृद्ध विरासत को एक नए दृष्टिकोण से पेश करता है—HALLA: Antasyah Aarambhah। यह फिल्म न केवल हमारी प्राचीन कथाओं को जीवंत करती है, बल्कि उसे आज के दर्शकों से जोड़ती भी है। इस फिल्म का विचार एक अनोखे सवाल से शुरू हुआ: “अगर समुंद्र मंथन में एक भूला हुआ नायक होता तो?” इसी विचार ने जन्म दिया HALLA को—एक ऐसे नायक की कहानी जिसे विष से जीवन मिला, और जिसने अंधकार से आशा का दीप जलाया।

HALLA, समुंद्र मंथन पर आधारित है, लेकिन यह पारंपरिक कथाओं से बिलकुल अलग है। इस बार कहानी केवल देवताओं और असुरों की लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह फिल्म उस चक्रव्यूह को दर्शाती है जहाँ भावनाएँ, राजनीति और व्यक्तिगत संघर्ष भी मंथन का हिस्सा हैं। फिल्म में कई नए किरदारों और मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा गया है, जिससे यह कथा पहले से कहीं अधिक गहराई और समकालीनता से भर जाती है।

फिल्म का केंद्रीय पात्र, HALLA, विष से उत्पन्न हुआ एक बालक है। यह प्रतीक है उस परिवर्तन का, जहाँ पीड़ा और अंधकार से रक्षक जन्म लेते हैं। यह कहानी बताती है कि हर अंत में एक नई शुरुआत छिपी होती है—और हर विष में एक अमृत का बीज।

HALLA को विशेष बनाता है इसका अनोखा संतुलन—भव्यता और भावनात्मक सच्चाई का मेल। फिल्म की टीम ने विस्तृत सेट्स, व्यावहारिक इफेक्ट्स और अत्याधुनिक VFX तकनीकों का सहारा लेकर एक ऐसा संसार रचा है, जो दर्शकों को एक नए मिथकीय ब्रह्मांड में ले जाता है। लेकिन इसके साथ ही, कहानी में वह मानवीय संवेदना भी बनी रहती है, जिससे दर्शक नायक की यात्रा से गहराई से जुड़ जाते हैं।

फिल्म की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए टीम ने वेदों, पुराणों, लोककथाओं और क्षेत्रीय मिथकों का गहन अध्ययन किया। लेकिन सिर्फ प्राचीनता नहीं, इसमें रचनात्मक कल्पना का भी समावेश है, जिससे HALLA एक अनूठा अनुभव बन जाता है—न तो पूरी तरह पारंपरिक, न ही पूरी तरह आधुनिक, बल्कि दोनों का संतुलन।

HALLA की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आज के दर्शकों से जुड़ती है। पारंपरिक परिधान, डिज़ाइंस और अनुष्ठानों को बनाए रखते हुए, फिल्म की कहानी में आधुनिक गति, गहराई और संघर्ष को जोड़ा गया है। HALLA की यात्रा यह दिखाती है कि पहचान सिर्फ जन्म से नहीं, बल्कि हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों से बनती है।

इस भव्य पौराणिक फिल्म के निर्माता और इसकी संकल्पना के सूत्रधार हैं मनोज महेश्वर, जिनका सिनेमा के प्रति समर्पण इसे एक प्रामाणिक और गहन दृष्टि देता है। निर्देशन की कमान संभाली है भास्कर राम ने, जो बहुचर्चित फ़िल्म “बाहुबली” के एसोसिएट तकनीकी डायरेक्टर होने के साथ साथ, कई लोकप्रिय फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। फिल्म की मूल कहानी को रूप दिया है युवा लेखक सौरभ मिश्रा ने, जिन्होंने समुंद्र मंथन की पृष्ठभूमि में एक नई कल्पनाशक्ति का संचार किया है। फिल्म के निर्माण में सशक्त भागीदारी निभाई है बॉलीवुड के अनुभवी निर्माता सुरज सिंह मास ने, जिन्होंने अमिताभ बच्चन और धोनी के साथ हाल ही में ऐड फ़िल्म का निर्माण किया है ।जबकि सह-निर्माता के रूप में अभिषेक राज और रुद्रांश ने फिल्म की रचनात्मक और प्रोडक्शन प्रक्रिया को मजबूती दी है।

तकनीकी दृष्टि से फिल्म को बेजोड़ बनाने में योगदान दिया है साउथ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुशल तकनीकी विशेषज्ञ रंजीत ने, और छायांकन की कमान संभाली है रंजीत मोगुसानी ने, जिनकी कैमरा दृष्टि ने इस पौराणिक गाथा को जीवंत बना दिया है। फिल्म के दृश्य संसार को भव्य और प्रभावशाली बनाने में प्रोडक्शन डिज़ाइनर रामकृष्ण की कल्पनाशक्ति और अनुभव झलकता है। सहलेखन में दिलीप केशव का सहयोग इस कथा को भावनात्मक और बौद्धिक गहराई प्रदान करता है।

निर्माता टीम का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि दर्शकों को प्रेरणा देना भी है। HALLA दर्शकों को साहस, आत्म-खोज, और आशा का संदेश देता है—यह दिखाता है कि अंधकार के भीतर भी एक रक्षक जन्म ले सकता है। हर विष के भीतर एक वरदान छिपा होता है, और हर संघर्ष में एक नई राह।

यह सिर्फ एक पौराणिक फिल्म नहीं, बल्कि एक कालजयी यात्रा है, जो भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।

क्या आप तैयार हैं इस नई गाथा का हिस्सा बनने के लिए?

HALLA: Antasyah Aarambhah – एक नई पौराणिक गाथा की शुरुआत

नंदकिशोर धकिते निर्मित,अल्ताफ शेख दिग्दर्शित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ सिनेमा प्रदर्शनाच्या वाटेवर.

नंदकिशोर धकिते निर्मित,अल्ताफ शेख दिग्दर्शित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ सिनेमा प्रदर्शनाच्या वाटेवर.

बीएसएफ बहुउद्देशीय संस्था,उपेक्षित नायक न्युज,संत कबीर बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था बुलढाणा यांच्या वतीने यश पॅलेस अमरावती येथे ‘समाज क्रांती’ पुरस्कार समारंभ आयोजित करण्यात आला होता.यावेळी वर्ल्ड रेकॉर्ड बुक आणि गिनिज बुक रेकॉर्ड विजेते लेखक दिग्दर्शक अल्ताफ दादासाहेब शेख दिग्दर्शित व स्मिता धकिते आणि नंदकिशोर धकिते निर्मित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ या सिनेमाचे पोस्टर प्रदर्शन करण्यात आले.लवकरच हिंदी आणि मराठी भाषेतून संपूर्ण जगभरात सिनेमा प्रदर्शित करण्यात येणार आहे.

फिल्म इंडस्ट्री तसेच मीडिया आणि सामाजिक क्षेत्रातील मान्यवरांना ‘समाज क्रांती’ पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्यात आले.याप्रसंगी सिनेमाचे एक्झिक्युटिव्ह प्रोड्युसर विशाल धेंडे,प्रॉडक्शन मॅनेजर गणेश गोरे तसेच सिनेमा सृष्टीतील दिग्दर्शक,निर्माते,कलावंत,पत्रकार इत्यादी क्षेत्रातील मान्यवर मोठ्या संखेने उपस्थित होते.

भुषण सरदार,रॉयल सरदार यांनी विशेष प्रयत्न केले.कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन अश्विनी सांगळे यांनी केले.तर आभार प्रदर्शन दिग्दर्शक अल्ताफ दादासाहेब शेख यांनी केले.

नंदकिशोर धकिते निर्मित,अल्ताफ शेख दिग्दर्शित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ सिनेमा प्रदर्शनाच्या वाटेवर.

Where Elegance Meets Edge: Xishmiya Brown Reigns Supreme

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